प्रथम सेमेस्टर में बैक लगने के बाद क्या करें? – जानिए पूरी प्रक्रिया और आगे की पढ़ाई का अधिकार
प्रथम सेमेस्टर का रिजल्ट आने के बाद सबसे आम और महत्वपूर्ण सवाल यह होता है कि यदि किसी छात्र को एक या अधिक विषयों में बैक (Fail) आ गया है तो क्या वह छात्र द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश ले सकता है या फिर उसे प्रथम सेमेस्टर को दोबारा करना पड़ेगा? इस लेख में हम इस विषय पर हर एक संदेह को स्पष्ट करेंगे ताकि किसी विद्यार्थी के मन में कोई भ्रम न रहे।
1. बैक क्या होता है और कब लगता है?
बैक या अनुत्तीर्ण तब माना जाता है जब कोई छात्र किसी विषय में न्यूनतम पासिंग अंक प्राप्त नहीं कर पाता। अधिकांश विश्वविद्यालयों में पास होने के लिए 33% से 40% तक अंक की आवश्यकता होती है। अगर विद्यार्थी इससे कम अंक प्राप्त करता है तो उस विषय में उसे बैक कहा जाता है।
उदाहरण: यदि प्रथम सेमेस्टर में आपके 5 विषय हैं और किसी एक विषय में आपने न्यूनतम पासिंग मार्क्स नहीं प्राप्त किए हैं, तो आपको उस विषय में बैक लग सकती है।
2. कितने विषय में बैक लगने पर द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश मिलता है?
यह नियम विश्वविद्यालय द्वारा निर्धारित होते हैं, लेकिन राजस्थान के अधिकतर विश्वविद्यालयों (जैसे MGSU, RU, MLSU, JNVU आदि) में सामान्यतः निम्नलिखित नियम होते हैं:
विषयों में बैक | द्वितीय सेमेस्टर में प्रवेश | स्थिति |
---|---|---|
1 विषय | हाँ | प्रोविजनल प्रमोट |
2 विषय | हाँ (कुछ विश्वविद्यालय में) | प्रमोट के साथ बैक परीक्षा देनी होगी |
3 या अधिक | नहीं | प्रथम सेमेस्टर दोहराना पड़ेगा |
इसका अर्थ यह हुआ कि यदि किसी छात्र को एक या दो विषयों में बैक है, तो वह द्वितीय सेमेस्टर में नियमित रूप से प्रवेश ले सकता है। लेकिन उसे बैक विषय की परीक्षा आगामी बैक परीक्षा फॉर्म भरकर देनी होगी।
3. क्या प्रथम सेमेस्टर दोबारा करना पड़ता है?
यदि विद्यार्थी को 3 या अधिक विषयों में अनुत्तीर्णता मिली है, या कुल अंकों में फेल घोषित किया गया है, तो उसे प्रथम सेमेस्टर को दोबारा Regular या Ex-Student के रूप में देना होगा। ऐसे छात्र द्वितीय सेमेस्टर में प्रमोट नहीं होते हैं।
इसलिए सबसे पहले आपको अपने मार्कशीट में कुल फेल विषयों की संख्या और फेल स्टेटस को समझना चाहिए।
4. प्रमोट होकर द्वितीय सेमेस्टर में जाने वालों को किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
यदि आप 1 या 2 विषयों में बैक के साथ प्रमोट हो जाते हैं, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:
- आप द्वितीय सेमेस्टर की फीस समय पर जमा करें।
- बैक पेपर के लिए बैक परीक्षा फॉर्म समय पर भरें।
- उस विषय की पढ़ाई दोबारा करके पूरी तैयारी से परीक्षा दें।
- द्वितीय सेमेस्टर में अच्छे अंक लाने का प्रयास करें ताकि CGPA अच्छा बना रहे।
5. बैक की परीक्षा कब होती है और कैसे दें?
बैक पेपर की परीक्षा आमतौर पर उसी सेमेस्टर के रेगुलर एग्जाम के बाद करवाई जाती है। उदाहरण के लिए:
- यदि आपने B.A. प्रथम सेमेस्टर में हिन्दी में बैक पाया है, तो उसकी परीक्षा अगले सेमेस्टर की परीक्षा के साथ ही होती है।
- इसके लिए आपको विश्वविद्यालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के अनुसार बैक फॉर्म भरना होता है, जिसकी फीस अलग से ली जाती है।
बैक परीक्षा में पास होने पर आपको नए अंक के साथ पास घोषित कर दिया जाता है।
6. यदि बैक फिर से रह जाए तो क्या होगा?
यदि आप बैक पेपर में भी फेल हो जाते हैं, तो आपको उसी विषय में अगली बार पुनः बैक परीक्षा देनी होगी। अधिकतर विश्वविद्यालय 3 प्रयास तक की अनुमति देते हैं। लगातार फेल होने पर आपको सेमेस्टर दोहराना पड़ सकता है।
इसलिए बैक विषय को गंभीरता से लें और अच्छी तैयारी करें।
7. महत्वपूर्ण सलाह विद्यार्थियों के लिए
- बैक आने का मतलब आपकी योग्यता नहीं, केवल एक अवसर की कमी है।
- घबराएं नहीं, बैक परीक्षा आपके लिए सुधार का मौका है।
- समय रहते फॉर्म भरें और सभी डेडलाइन नोटिफिकेशन पर ध्यान दें।
- अपने कॉलेज या यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट पर नियमित रूप से विज़िट करते रहें जैसे:
👉 https://www.mgsubikaner.site
8. निष्कर्ष की जगह – जानिए आपका अगला कदम क्या हो सकता है
प्रथम सेमेस्टर में बैक लगना अंत नहीं है — यह एक सीखने और सुधारने का मौका है। यदि आप एक या दो विषयों में फेल हैं, तो आप द्वितीय सेमेस्टर में आगे बढ़ सकते हैं और उसी के साथ बैक परीक्षा देकर पास हो सकते हैं। लेकिन अगर ज्यादा विषयों में अनुत्तीर्ण हैं, तो विश्वविद्यालय के नियमों के अनुसार आपको प्रथम सेमेस्टर दोबारा करना होगा।
आपका अगला कदम है:
- रिजल्ट को ध्यान से पढ़ना
- फेल विषयों की संख्या गिनना
- यूनिवर्सिटी की प्रमोट पॉलिसी समझना
- और तुरंत फीस व बैक फॉर्म की प्रक्रिया शुरू करना