MGSU बीकानेर MA History प्रथम सेमेस्टर सिलेबस: पूरी जानकारी हिंदी में
प्रथम सेमेस्टर में कुल चार पेपर होते हैं:
- इतिहास लेखन (Historiography)
- प्राचीन भारत का इतिहास (Mauryan and Post-Mauryan Period)
- मध्यकालीन भारत का इतिहास (1200 ई. से 1707 ई.)
- राजस्थान का इतिहास (प्राचीन काल से 1200 ई. तक)
1. इतिहास लेखन (Historiography)
यह पेपर इतिहास की परिभाषा, उसके स्रोतों और विभिन्न कालों में इतिहास लेखन की पद्धतियों का अध्ययन कराता है। इसमें निम्नलिखित विषय शामिल होते हैं:
- इतिहास और इतिहासकारों की भूमिका
- यूनानी, रोमन, अरब और भारतीय इतिहास लेखन परंपराएँ
- पाश्चात्य इतिहासकार जैसे रांके, टॉयन्बी, मार्क्स
- भारतीय इतिहास लेखन: पुराण, बौद्ध, जैन, औपनिवेशिक और स्वतंत्रता पश्चात लेखन
- आधुनिक इतिहासकार: डी. डी. कोसांबी, रोमिला थापर, बिपिन चंद्रा
यह पेपर विद्यार्थियों को इतिहास को आलोचनात्मक दृष्टिकोण से देखने की क्षमता विकसित करता है।
2. प्राचीन भारत का इतिहास (Mauryan and Post-Mauryan Period)
इस पेपर में भारत के प्राचीन इतिहास का गहन अध्ययन किया जाता है। प्रमुख विषय:
- मौर्य साम्राज्य की स्थापना, विस्तार और शासन प्रणाली
- चंद्रगुप्त मौर्य, बिंदुसार और अशोक का शासन
- अशोक की धम्म नीति और स्तंभ लेख
- शुंग, सातवाहन, कुशान और गुप्त वंशों का उदय
- समाज, धर्म, संस्कृति और अर्थव्यवस्था में परिवर्तन
- विदेशी आक्रमणों का प्रभाव (यूनानी, शक, कुशान)
यह पेपर विद्यार्थियों को भारतीय सभ्यता की जड़ों को समझने का अवसर देता है।
3. मध्यकालीन भारत का इतिहास (1200 ई. से 1707 ई.)
इस पेपर में दिल्ली सल्तनत और मुग़ल काल के राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक पक्षों पर अध्ययन किया जाता है। मुख्य विषय:
- गुलाम वंश, खिलजी, तुगलक, लोदी और मुग़ल वंश का विस्तार
- बाबर से औरंगज़ेब तक मुग़ल शासन
- प्रशासनिक प्रणाली, मनसबदारी, ज़ब्त प्रणाली
- भक्ति और सूफी आंदोलन
- कला, वास्तुकला, साहित्य और संगीत का विकास
- समाज में धर्म, जाति और वर्ग संरचना
4. राजस्थान का इतिहास (प्राचीन काल से 1200 ई. तक)
यह पेपर राजस्थान की ऐतिहासिक विशेषताओं को स्पष्ट करता है। प्रमुख विषय:
- प्रागैतिहासिक राजस्थान: कालिबंगा, बागोर, आहड़
- वैदिक और महाजनपद काल
- मौर्य, शुंग, गुप्त और हर्ष काल में राजस्थान
- प्रमुख जनजातियाँ और राजवंश (गुहिल, चौहान, परमार, सोलंकी)
- मंदिर, स्थापत्य कला, साहित्य और संस्कृतियों का विकास
- स्थानीय स्रोत जैसे शिलालेख, ताम्रपत्र, भित्ति चित्र आदि
परीक्षा प्रणाली और अंक विभाजन
प्रत्येक पेपर 100 अंकों का होता है। कुल चार पेपर होते हैं, अतः प्रथम सेमेस्टर की कुल अधिकतम अंक संख्या 400 होती है। पेपरों में प्रश्न इस प्रकार से पूछे जाते हैं:
- लघु उत्तरात्मक प्रश्न: 20 अंक
- दीर्घ उत्तरात्मक प्रश्न: 60 अंक
- आंतरिक मूल्यांकन / सत्रीय कार्य: 20 अंक
विद्यार्थियों को समस्त प्रश्नपत्रों में न्यूनतम 36% अंक प्राप्त करना अनिवार्य होता है।
MA History सिलेबस PDF डाउनलोड लिंक (आधिकारिक)
आप नीचे दिए गए लिंक से Maharaja Ganga Singh University की आधिकारिक वेबसाइट से MA History प्रथम सेमेस्टर का सिलेबस PDF फॉर्मेट में डाउनलोड कर सकते हैं:
https://mgsubikaner.ac.in/syllabus/arts/MA_History_Sem_I.pdf
यदि लिंक काम नहीं करता तो विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जाकर "Syllabus" सेक्शन में Arts > MA History > Semester I चुनें।
MA History से भविष्य के अवसर
MA History की पढ़ाई केवल डिग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि यह छात्रों को कई करियर विकल्प प्रदान करती है:
- कॉलेज में लेक्चरर (NET/JRF के माध्यम से)
- UPSC, RPSC, SSC जैसे प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी
- संग्रहालय, अभिलेखागार, पुरातत्व विभाग में नौकरी
- शोध कार्य (M.Phil, Ph.D.)
- इतिहास लेखन, अनुवाद और संपादन कार्य
इतिहास विषय में गहरी समझ रखने वाले विद्यार्थी देश के प्रशासनिक और शिक्षण तंत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं।